Jammu & Kashmir
बाबा अमरनाथ यात्रा 2025 में नहीं मिलेगी हेलीकॉप्टर सेवा, जानिए वजह

जम्मू: इस साल बाबा अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं होगी। श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने हाल ही में एक नोटिस जारी कर यह जानकारी दी है कि पहलगाम और बालटाल रूट को 1 जुलाई से 10 अगस्त तक नो फ्लाइंग जोन घोषित कर दिया गया है। इसलिए इस दौरान श्रद्धालु हेलीकॉप्टर सेवा का लाभ नहीं उठा सकेंगे।
श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे इस सूचना को ध्यान में रखें और यात्रा की योजना बनाते समय इसे ध्यान में रखें। जो लोग बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन करना चाहते हैं उन्हें पैदल, पोनी या पालकी की सेवा से ही यात्रा करनी होगी।
बता दें कि बाबा अमरनाथ यात्रा इस साल 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी…जो कुल 38 दिन की होगी। हर साल पहलगाम और बालटाल रूट से हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराई जाती थी…जिसमें ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा होती थी और किराया अलग-अलग तय होता था। लेकिन इस बार नो फ्लाइंग जोन के तहत हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। यह फैसला सुरक्षा और नियमों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
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International
ऑपरेशन महादेव: पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड समेत तीन आतंकी ढेर

जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के बीच सुरक्षा बलों ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। श्रीनगर के दाचीगाम वन क्षेत्र में सेना और आतंकियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में लश्कर-ए-ताइबा के तीन खूंखार आतंकियों को मार गिराया गया। इन आतंकियों में पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सुलेमान उर्फ आसिफ भी शामिल है। बाकी दो की पहचान जिबरान और हमजा अफगानी के रूप में हुई है। सेना ने मौके से अमेरिका निर्मित एम4 कार्बाइन असॉल्ट राइफल और एके सीरीज की दो राइफलें भी बरामद की हैं।
कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन महादेव
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए नृशंस हमले के बाद सेना ने इलाके में आतंकियों की तलाश तेज कर दी थी। इस दौरान आतंकियों द्वारा इस्तेमाल की गई कम्युनिकेशन डिवाइस अचानक एक्टिव हुई, जिससे सुरक्षा एजेंसियों को उनकी लोकेशन का सुराग मिला। इसके बाद स्पेशल फोर्सेज की 4 पैरा यूनिट और 24 राष्ट्रीय राइफल्स ने मिलकर ‘ऑपरेशन महादेव’ शुरू किया। रविवार देर रात आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि के बाद इलाके की घेराबंदी सख्त की गई। खुद को घिरा देख आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी और भीषण मुठभेड़ में तीनों आतंकी ढेर हो गए।
क्यों रखा गया नाम ‘ऑपरेशन महादेव’
यह अभियान श्रीनगर के पास महादेव चोटी क्षेत्र में चलाया गया, जो जबरवान रेंज का हिस्सा है और धार्मिक दृष्टि से बेहद पवित्र माना जाता है। इसी वजह से सेना ने इस ऑपरेशन को ‘महादेव’ नाम दिया।
पहलगाम हमला: दर्द और बदले की कहानी
22 अप्रैल को हुए इस आतंकी हमले में आतंकियों ने 26 लोगों को सिर्फ धर्म पूछकर मौत के घाट उतार दिया था। इसी हमले में जान गंवाने वाले लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने कहा, “मैं सेना के जांबाजों को सलाम करता हूं। मुझे पहले से भरोसा था कि सेना एक दिन इन आतंकियों को जरूर मार गिराएगी।”
पहले भी हो चुकी है मुठभेड़
दाचीगाम के इसी इलाके में पिछले साल 10 नवंबर को भी आतंकियों से मुठभेड़ हुई थी, जिसमें आतंकी भाग निकले थे। बाद में 3 दिसंबर को लश्कर का आतंकी जुनैद भट इसी क्षेत्र में मार गिराया गया था, जो गांदरबल में हुए हमले में शामिल था।
सेना की सतर्कता और रणनीति से मिली सफलता
एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए दो आतंकियों की सूचना और कम्युनिकेशन डिवाइस की लोकेशन से मिले सुराग के आधार पर सेना ने लगातार इलाके पर नजर रखी। आखिरकार सोमवार सुबह लिदवास क्षेत्र में आतंकियों की मूवमेंट देखते ही सेना ने ऑपरेशन को अंजाम दिया।
पुलिस का बयान
कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक वीके बिरदी ने कहा कि मारे गए आतंकियों की औपचारिक पहचान की प्रक्रिया जारी है। शवों को घने जंगल से नीचे लाने में वक्त लगेगा। यह ऑपरेशन एक बार फिर साबित करता है कि हमारी सुरक्षा एजेंसियां किसी भी कीमत पर आतंक के नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगी। ‘ऑपरेशन महादेव’ ने पहलगाम हमले का दर्द झेल रही देश की जनता को थोड़ी राहत जरूर दी है।
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पहलगाम आतंकी हमले के बाद बड़ी कार्रवाई: आसिफ का घर विस्फोट से तबाह, आदिल के घर पर चला बुलडोजर…

श्रीनगर: पहलगाम आतंकी हमले में शामिल स्थानीय आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी गई है। ताजा जानकारी के अनुसार, अनंतनाग जिले के बिजबेहरा के गोरी इलाके में आतंकवादी आदिल हुसैन थोकर के घर को सुरक्षाबलों ने उड़ा दिया है। इसके साथ ही, त्राल स्थित आतंकवादी आसिफ शेख के घर को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बुलडोजर से ढहा दिया है। इन दोनों आतंकवादियों पर पहलगाम आतंकी हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने के लिए पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद करने का आरोप है।
22 अप्रैल को, आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने पहलगाम में निहत्थे 26 सैलानियों की हत्या कर दी थी। इनमें एक नेपाल का नागरिक भी था। इन आतंकवादियों ने पाकिस्तानी आतंकवादियों को घटना की पूरी रेकी करने में मदद की थी।
गुरुवार रात से, पाकिस्तानी सेना एलओसी के पास गोलीबारी कर रही है, जिसे भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। वहीं, पहलगाम हमले के दौरान आतंकवादियों ने बैसरन घाटी में घास के मैदान पर बैठे सैलानियों से पहले उनके धर्म पूछे और फिर उन्हें गोली मार दी। इन आतंकवादियों ने हेल्मेट पहने थे, जिनमें कैमरे भी लगे हुए थे। सूत्रों के मुताबिक, आतंकवादियों ने लगभग 15 मिनट तक गोलीबारी की, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेरकर तलाशी अभियान शुरू किया, जो अभी भी जारी है।
सुरक्षाबल पूरे क्षेत्र में लगातार तलाशी अभियान चला रहे हैं, और आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
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Breakingnews
आतंकियों की तलाश तेज़, तीन संदिग्धों के स्केच जारी, NIA और सेना ने संभाला मोर्चा…..

जम्मू-कश्मीर – पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया है। इस हमले में अब तक 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई है। पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
हमले के तुरंत बाद केंद्र सरकार और सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाल लिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और सेना की टीमें पूरे इलाके में सक्रिय हैं। जांच एजेंसी ने तीन संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए हैं और क्षेत्र को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
TRF: अनुच्छेद 370 हटने के बाद उभरा नया आतंकी चेहरा
TRF की स्थापना वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद हुई थी। पहले इसे एक ऑनलाइन प्रोपेगेंडा यूनिट माना गया, लेकिन जल्द ही यह एक सक्रिय आतंकी संगठन में तब्दील हो गया। इसे लश्कर-ए-तैयबा जैसे प्रतिबंधित संगठनों का प्रत्यक्ष समर्थन प्राप्त है।
प्रधानमंत्री मोदी ने रद्द किया सऊदी दौरा, की उच्चस्तरीय बैठक
हमले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना प्रस्तावित सऊदी अरब दौरा रद्द कर आपात स्थिति में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली लौटने का फैसला लिया। दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचते ही प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, और विदेश सचिव के साथ एक आपातकालीन बैठक की। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति, अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस बर्बर हमले की निंदा राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी की जा रही है। दुनिया के कई नेताओं और संगठनों ने इस कायराना हरकत को मानवता के खिलाफ अपराध करार दिया है और भारत के साथ एकजुटता जताई है।
फिलहाल सुरक्षाबलों ने पूरे पहलगाम क्षेत्र को घेर लिया है और सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। आतंकी संगठन TRF के नेटवर्क को तोड़ने के लिए NIA, सेना, और खुफिया एजेंसियां समन्वय में कार्रवाई कर रही हैं।
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