Dehradun
उत्तराखंड में साइबर हमले से सीखी गईं महत्वपूर्ण बातें, नए सुरक्षा तंत्र का किया गया गठन…

देहरादून: उत्तराखंड में पिछले महीने 3 अक्टूबर को हुए सबसे बड़े साइबर हमले को एक माह पूरा हो गया है। इस हमले ने राज्य के आईटी सिस्टम को हिलाकर रख दिया था और कई दिन तक सरकार की कार्यप्रणाली प्रभावित रही थी। हालांकि, इस हमले से बड़े पैमाने पर सबक लिया गया है और अब राज्य सरकार ने साइबर सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
माकोप रैनसमवेयर हमला: साइबर सुरक्षा को लेकर आई नई दिशा
उत्तराखंड में 3 अक्टूबर को माकोप रैनसमवेयर के जरिए हुआ हमला प्रदेश के सबसे बड़े साइबर हमलों में से एक था। इस हमले के कारण पूरे राज्य का आईटी सिस्टम ठप हो गया था और सरकारी सेवाओं में व्यवधान पैदा हो गया था। कई महत्वपूर्ण डेटा और फाइलें लटक गई थीं, जिससे सरकारी कार्यों की गति रुक गई थी।
इस साइबर हमले ने राज्य सरकार को अपनी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रणाली की सुरक्षा को फिर से मजबूत करने के लिए बड़े बदलाव करने के लिए मजबूर कर दिया।
सुरक्षा तंत्र में सुधार और मजबूत निगरानी तंत्र
आईटी विभाग ने इस हमले से सीखे गए पाठ को ध्यान में रखते हुए राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) के तहत कई सुधार किए हैं। अब पूरे सिस्टम को अत्यधिक सुरक्षित बनाने के साथ-साथ साइबर हमलों की निगरानी और उन्हें नाकाम करने का तंत्र भी और अधिक मजबूत किया गया है।
इस बदलाव के तहत सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर (SOC) में विशेषज्ञों की संख्या को चार से बढ़ाकर सात कर दिया गया है। यह टीम अब 24 घंटे हर तरह के साइबर हमलों पर नजर रख रही है। दीपावली के दौरान, जब अधिकांश कर्मचारी छुट्टियों पर थे, तब भी इस टीम ने 600 से अधिक साइबर हमलों को सफलतापूर्वक नाकाम किया।
नई बैकअप नीति का प्रस्ताव
साइबर हमले के प्रभाव को कम करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश की पहली बैकअप नीति तैयार की है। इस नीति के तहत, राज्य सरकार सभी महत्वपूर्ण डेटा का नियमित बैकअप रखेगी, ताकि कोई भी साइबर हमला या तकनीकी गड़बड़ी होने पर कार्यों को जल्दी से पुनः बहाल किया जा सके।
इस नीति का प्रस्ताव अब शासन को भेजा गया है और जल्द ही इसे लागू किया जा सकता है। बैकअप नीति के माध्यम से राज्य के महत्वपूर्ण डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि किसी भी अप्रत्याशित साइबर हमले की स्थिति में सरकार की कार्यप्रणाली प्रभावित न हो।
सीख और भविष्य की तैयारी
आईटीडीए के अधिकारियों का कहना है कि साइबर हमले के बाद से उनके विभाग ने काफी कुछ सीखा है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सुरक्षा सिस्टम को मजबूत करने, जोखिमों को पहचानने और समय रहते उन्हें नाकाम करने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।
इसके साथ ही, साइबर सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित टीमों की संख्या बढ़ाई गई है, ताकि किसी भी साइबर हमले से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके। राज्य सरकार ने अन्य राज्यों और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा संगठनों के साथ मिलकर साइबर सुरक्षा संबंधी सहयोग भी बढ़ाया है।
आगे की दिशा
उत्तराखंड सरकार अब साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम भी चलाएगी, ताकि नागरिक और सरकारी अधिकारी साइबर हमलों के प्रति जागरूक रहें और सुरक्षित डिजिटल व्यवहार का पालन करें। साथ ही, सरकार विभिन्न साइबर सुरक्षा उपायों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए काम कर रही है ताकि भविष्य में इस तरह के हमलों से बचा जा सके।
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देहरादून में नशा खत्म करने को लेकर बड़ी पहल, कॉलेजों में सख्त नियम लागू

नशे के विरूद्ध कॉलेज प्रबन्धकों को अभी समझाया, आगे होगी कार्यवाही।
“ड्रग फ्री देवभूमि” की परिकल्पना को साकार करने के लिये पुलिस द्वारा नशे के विरूद्ध जागरूकता हेतु शुरू की “ड्रग फ्री कैम्पस” के रूप में नई पहल
जनपद के मुख्य शिक्षण संस्थानों/पीजी/हास्टल/विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों के साथ पुलिस लाइन देहरादून में किया गया गोष्ठी का आयोजन।
एसएसपी देहरादून तथा एसएसपी एसटीएफ द्वारा सभी प्रबंधकों को अपने-अपने संस्थानों में “ड्रग फ्री कैम्पस“ की अवधारणा के तहत डीबेट, पोस्टर, पाम्पलेट, सेमिनार व अन्य माध्यमों से जागरूकता कार्यक्रम चलाने के दिये निर्देश।
एडमिशन के समय सभी छात्रों/अभिभावकों से तथा नये सत्र की शुरूवात में पुराने छात्रों से नशे के सेवन सम्बन्धित सैम्पल लेने हेतु कन्सेंट फार्म भरवाने तथा इसमें अभिभावकों की जवाबदेही भी तय करने के दिये निर्देश।
भविष्य में नशे से सम्बन्धित किसी शिकायत अथवा सन्देह पर पुलिस द्वारा कन्सेंट फार्म के आधार पर पीजी अथवा हास्टल में जाकर सम्बन्धित छात्र का मेडीकल टीम द्वारा किया जायेगा रेन्डम टेस्ट।
किसी छात्र की नशें में संलिप्तता सम्बन्धित किसी भी शिकायत पर सभी संस्थान प्रबंधको को कडी कार्यवाही कर उसके निष्कासन करने के दिये निर्देश।
शिक्षण संस्थानों के छात्रों के ड्रंक एण्ड ड्राइव में पकडे जाने पर पुलिस द्वारा सम्बन्धित संस्थान को किया जायेगा सूचित, संस्थान द्वारा सूचना पर लिये गये सख्त एक्शन से कराना होगा पुलिस को अवगत
सभी शिक्षण संस्थान प्रबन्धकों को नशे के विरूद्ध जागरूकता हेतु जारी किये गये राष्ट्रीय हैल्प लाइन नम्बर 1933 का प्रचार प्रसार करते हुए सभी छात्र-छात्राओं को इससे अवगत कराने के दिये निर्देश।
संस्थान/पीजी/हास्टल संचालकों द्वारा ड्रग्स सम्बन्धी किसी भी सूचना को छिपाये जाने पर सम्बन्धित संस्थान के विरूद्ध बीएनएस की सम्बन्धित धाराओं के अन्तर्गत होगी सख्त वैधानिक कार्यवाही।
नशे की गिरफ्त में आये छात्रों की काउंसलिंग हेतु नेशनल हैल्प लाइन नम्बर 14446 में सूचना देने तथा उन्हें एडिक्ट सेन्टर रैफर करने के दिये निर्देश।
संस्थानों में गठित एण्टी ड्रग कमेटी की नियमित बैठक कर छात्र छात्राओं के मध्य नशे के विरूद्ध सकारात्मक प्रभाव लाने हेतु किया निर्देशित।
देहरादून: युवा पीढी को ड्रग्स की गिरफ्त में आने से बचाने के लिये “ड्रग फ्री कैम्पस” की शुरूवात की गई है, जो शिक्षण संस्थान की जिम्मदारी है, जिसमेें शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ छात्रों व अभिभावकों की सहभागिता व उनकी जवाबदेही भी सुनिश्चित की जा रही है। अपनी जिम्मदारी पूर्ण न करने वाले शिक्षण संस्थानों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता के तहत वैधानिक कार्यवाही की जायेगी, साथ ही जरूरत पड़ने पर संदिग्ध छात्रों का रैंडम टेस्ट कराने को भी दून पुलिस तैयार है: एसएसपी देहरादून
मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड की “ड्रग फ्री देवभूमि 2025” की परिकल्पना को साकार करने के लिये पुलिस द्वारा नशा तस्करों के विरूद्ध कार्यवाही के साथ-साथ आम जन तथा युवा वर्ग के मध्य नशे के प्रति जागरूकता हेतु लगातार जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में आज दिनांक: 04-07-25 को पुलिस लाइन देहरादून में एसएसपी देहरादून तथा एसएसपी एसटीएफ की उपस्थिती में जनपद के मुख्य
शिक्षण संस्थानों/पीजी/हास्टल के प्रतिनिधियों के साथ गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी के दौरान शिक्षण संस्थानों/पीजी/हास्टल के प्रबन्धकों को नशे के विरूद्ध मुहीम में सहयोग प्रदान करने के लिये प्रेरित करते हुए उनके संस्थान में नशे से सम्बन्धित किसी भी गतिविधि की सूचना पर उनके विरूद्ध कार्यवाही के समबन्ध में चेताया गया। गोष्ठी में उपस्थित संस्थान प्रबंधको से संवाद करते हुए एसएसपी देहरादून तथा एसएसपी एसटीएफ द्वारा उन्हें अपने-अपने संस्थानों में ड्रग फ्री कैम्पस की अवधारणा को साकार करने के लिये डिबेट, पोस्टर, पाम्पलेट,सेमिनार व अन्य माध्यमों से लगातार छात्र-छात्राओं को जागरूक करने तथा नशें के विरूद्ध जागरूकता हेतु जारी किये गये हेल्प लाइन नम्बर 1933 से सभी को अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया।
इस दौरान सभी संस्थान संचालकों को अपने-अपने सस्थानों में एडमिशन के समय सभी नये छात्रों तथा नये सत्र की शुरूवात में सभी पुराने छात्रों व उनके अभिभावकों से नशे के सेवन सम्बन्धित शिकायत अथवा संदिग्धता के आधार पर छात्रों के सैम्पल लेने हेतु कन्सेंट फार्म भरवाने के निर्देश दिये गये, जिससे भविष्य में किसी पीजी /हास्टल आदि में नशे से सम्बन्धित शिकायत अथवा सन्देह होने पर पुलिस द्वारा कन्सेंट फार्म के आधार पर सम्बन्धित छात्र का मेडिकल टीम द्वारा अकस्मात टेस्ट किया जा सके इसके अतिरिक्त किसी छात्र की नशे में संलिप्तता मिलने पर संस्थान से उसके निष्कासन की कार्यवाही हेतु सभी शिक्षण संस्थान संचालकों को निर्देशित किया गया। शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों के ड्रंक एण्ड ड्राइव अथवा अन्य अनैतिक गतिविधियों में मिलने पर पुलिस द्वारा सम्बन्धित शिक्षण संस्थान को कार्यवाही हेतु सूचित किया जायेगा तथा सम्बन्धित शिक्षण संस्थान की जवाबदेही होगी कि वह उक्त सूचना पर लिये गये एक्शन से पुलिस को अवगत करायें ।
शिक्षण संस्थानों में बनाई गई एण्टी ड्रग कमेटी की छात्र-छात्राओं के साथ नियमित रूप से बैठक करवाते हुए नशे से सम्बन्धित गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाने तथा शिक्षण संस्थानों/पीजी/हास्टल हास्टलों में नशे से सम्बन्धित किसी भी गतिविधि के संचालित होने की सूचना मिलने पर तत्काल उससे पुलिस को अवगत कराने के निर्देश दिये गये। साथ ही संस्थानों/पीजी/हास्टल्स में नशे से सम्बन्धित किसी भी सूचना को छिपाने पर सम्बन्धित संस्थान/पीजी/हास्टल संचालकों के विरूद्ध बीएनएस की सम्बन्धित धाराओं में वैधानिक कार्यवाही की चेतावनी दी गई, साथ ही किसी छात्र के नशे की गिरफ्त में आने की जानकारी होने पर उसकी काउंसलिंग हेतु नेशनल हेल्प लाइन नम्बर 14446 में सूचना देने तथा उसे एडिक्ट सेन्टर रैफर करने के निर्देश दिये गये।
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#DhamiKe4SaalBemisaal: सोशल मीडिया पर छाया उत्तराखंड मॉडल, मुख्यमंत्री धामी के चार साल जनता ने सराहे

देहरादून: 4 जुलाई 2025 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल के 4 वर्ष पूरे हुए। इस अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर #DhamiKe4SaalBemisaal दिनभर ट्रेंड करता रहा। हजारों यूज़र्स, युवाओं, पत्रकारों, राजनीतिक विश्लेषकों और आम नागरिकों ने इस टैग के साथ धामी सरकार की उपलब्धियों का बखान किया।
जनता का विश्वास, सोशल मीडिया पर दिखा उत्साह
लोगों ने ट्वीट्स के माध्यम से बताया कि कैसे मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड ने राजनीतिक स्थिरता, प्रशासनिक पारदर्शिता और सांस्कृतिक चेतना का नया युग देखा है। कुछ प्रमुख विषय जिन पर यूज़र्स ने ट्वीट किए:
UCC कानून लागू कर देशभर में नई मिसाल
चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालु और व्यवस्थागत सुधार
भ्रष्टाचार मुक्त भर्ती परीक्षाएं और युवाओं का बढ़ता विश्वास
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रभावी योजनाएं
औद्योगिक निवेशऔर Ease of Doing Business में सुधार
राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों की भी सराहना
केवल आम जनता ही नहीं, कई राजनीतिक नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस ट्रेंड में भाग लिया और मुख्यमंत्री धामी की निर्णायक नेतृत्व शैली और “कम बोलो, ज्यादा काम करो” वाली कार्यशैली की प्रशंसा की।
क्यों बना यह ट्रेंड खास?
यह ट्रेंड केवल एक राजनीतिक प्रचार नहीं था, बल्कि जनता के उस विश्वास का प्रतीक था जो उन्होंने धामी सरकार में देखा। यह दिखाता है कि उत्तराखंड की जनता केवल वादों में नहीं, कार्यों में विश्वास करती है — और धामी सरकार ने इन 4 वर्षों में निरंतर कार्य कर जनता के भरोसे को मजबूत किया है।
#DhamiKe4SaalBemisaal sirf एक हैशटैग नहीं बल्कि उत्तराखंड की नई पहचान, संकल्प और बदलाव का प्रतीक बन गया। यह ट्रेंड दर्शाता है कि धामी सरकार के 4 साल न केवल संकल्प और सेवा के रहे, बल्कि सुशासन, संस्कृति और विकास के भी रहे।
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उत्तराखंड को मिलेगी नई उड़ान! नागर विमानन सम्मेलन में सीएम धामी ने रखे बड़े सुझाव

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून में आयोजित नागर विमानन सम्मेलन-2025 में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नागर विमानन मंत्री श्री किंजरापु राममोहन नायडू और उत्तर भारत के नागर विमानन मंत्रियों का स्वागत किया।
#CivilAviationConferenceDehradun #PushkarSinghDhamiAviationPolicy #HeliServicesinUttarakhand
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