Dehradun
वीरता को नमन: उत्तराखण्ड पुलिस शहीद स्मृति दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि, मुख्यमंत्री ने की कई घोषणाएं !

205 दीप, जो हमेशा जलते रहेंगे – उत्तराखण्ड पुलिस का शौर्य और बलिदान कभी नहीं भुलाया जाएगा, पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि, उत्तराखंड पुलिस के लिए मुख्यमंत्री की बड़ी घोषणाएं-
देहरादून- आज पुलिस शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन देहरादून स्थित शहीद स्मारक स्थल पर श्रृद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक सहित उपस्थित गणमान्य अतिथियों एवं पुलिस अधिकारियों ने पुलिस एवं अर्द्ध सैनिक बलों के शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा शहीद पुलिस कर्मियों के परिवारजनों को शॉल प्रदान कर सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री जी ने-
माननीय मुख्यमंत्री जी का उद्धबोधन-
पुलिस कर्मियों की पदोन्नति प्रक्रिया को समयबद्ध किया गया है। इस वर्ष 356 पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी विभिन्न श्रेणियों में पदोन्नत किए गए हैं। विभिन्न श्रेणी के 115 रिक्त पदों पर पदोन्नति के लिए भी कार्यवाही गतिमान है जिन्हें शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। इस वर्ष हमारे 215 कर्मियों को विशिष्ट कार्य एवं सेवा के लिए विभिन्न पदक एवं सम्मान चिन्हों से अलंकृत किया गया है। राज्य सरकार पुलिस कर्मियों की कैपेसिटी बिल्डिंग की दिशा में भी लगातार काम कर रही है। प्रशिक्षण संस्थानों को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करा रहे हैं। पीटीसी नरेंद्र नगर को सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के रूप में भी विकसित किया जा रहा है । AI और साइबर सुरक्षा से जुड़े प्रशिक्षण के लिए पुलिस कर्मियों को देश के प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थानों में भेजा जा रहा है।
मृतक पुलिस कर्मियों के परिवारों को सहयोग और संबल प्रदान करने के लिए इस वर्ष मृतक आश्रित कोटे के अंतर्गत 136 आश्रित परिवारों को विभिन्न पदों पर नियुक्तियां प्रदान की हैं। राज्य में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए “उत्तराखण्ड खेल नीति” के तहत कुशल खिलाड़ियों के लिए पुलिस विभाग में विशेष कोटे के माध्यम से भर्तियों का प्रावधान भी किया है। मुख्यमंत्री ने पुलिस के उच्च अधिकारियों से आग्रह करते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों के लिए समय – समय पर मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए।
माननीय मुख्यमंत्री ने कहा वीर जवानों की वीरता और उनके समर्पण की याद में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की स्थापना की है। यह स्मारक आने वाली पीढ़ियों को हमारे जवानों की वीरता और साहस की गाथाओं से परिचित कराएगा। उन्होंने कहा हमारे पुलिस जवान हर परिस्थिति में अदम्य साहस का अभूतपूर्व परिचय देते हैं। हमारा प्रदेश भौगोलिक और सामरिक दृष्टि से संवेदनशील राज्य है ऐसे में राज्य की शांति और सुरक्षा बनाए रखने में हमारे पुलिसकर्मियों की भूमिका और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।
माननीय मुख्यमंत्री ने कहा आधुनिक युग में अपराध का स्वरूप बदल रहा है, पुलिस की भूमिका और भी चुनौतीपूर्ण हो रही है। चोरी, डकैती, हत्या और महिला अपराधों के साथ नशा और साइबर अपराध जैसे नए खतरों का भी सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार ने पुलिस की एक त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक फोर्स का गठन किया है। इस फोर्स ने बीते तीन वर्षों में 6199 से अधिक नशे के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई की है, और लगभग *275 करोड़ रुपये से अधिक के नारकोटिक पदार्थ भी बरामद किए हैं।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से अब तक देशभर में लगभग 35,000 पुलिसकर्मी कर्तव्य पालन के दौरान सर्वोच्च बलिदान दे चुके हैं। केवल पिछले एक वर्ष में ही देशभर के राज्य पुलिस बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और पुलिस संगठनों के 186 कर्मियों ने अपने कर्तव्य के प्रति समर्पण की मिसाल पेश करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है, इनका विवरण इस प्रकार हैः-
राज्य गठन से लेकर अब तक इन 25 वर्षों में उत्तराखंड पुलिस के 205 वीर कार्मिकों ने कर्तव्य पथ पर अपने प्राणों की आहुति देकर सर्वोच्च बलिदान दिया है। ये केवल संख्या नहीं, बल्कि उन 205 दीपों की पंक्ति है, जिन्होंने अपने जीवन का उजाला जन-जन की सुरक्षा और शांति के लिए समर्पित कर दिया। उनकी शहादत उत्तराखंड पुलिस के गौरवशाली इतिहास का वह स्वर्णिम अध्याय है, जो हर पुलिसकर्मी के दिल में प्रेरणा बनकर जलता है। आज इस अवसर पर हम अपने उन सभी अमर शहीदों को शत-शत नमन करते हैं।
मुझे गर्व है कि उत्तराखण्ड पुलिस अपने कर्मियों के परिवारों के भविष्य को भी उतना ही महत्व देती है, जितना अपनी ड्यूटी को। हमारे पुलिस कर्मियों के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए सीबीएसई से मान्यता प्राप्त देहरादून, हरिद्वार और तीन पीएसी वाहिनियों में पाँच पुलिस मॉर्डन स्कूल संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें 3032 बच्चे अध्ययनरत हैं। हमारा प्रयास रहेगा कि भविष्य में और भी अधिक पुलिस मॉर्डन स्कूल खोले जाएँ, ताकि हर पुलिस परिवार के बच्चे को बेहतर शिक्षा का अवसर मिल सके।
माननीय मुख्यमंत्री जी, आपके प्रेरणादायक नेतृत्व में पुलिस बल को जो नई दिशा, कार्यशीलता और संवेदनशील दृष्टिकोण प्राप्त हुआ है, उसके लिए मैं अपनी तथा सम्पूर्ण उत्तराखण्ड पुलिस परिवार की ओर से आपका, उत्तराखण्ड शासन और गृह विभाग का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।आपके द्वारा पुलिस बल के कल्याणार्थ उठाए जा रहे दूरदर्शी कदमों से न केवल पुलिस कर्मियों का मनोबल बढ़ा है, बल्कि जनता के प्रति सेवा भावना और उत्तरदायित्व भी और अधिक सशक्त हुआ है।
इस अवसर पर माननीय कैबिनेट मंत्री- श्री सतपाल महाराज, माननीय सांसद- श्री नरेश बंसल, माननीय विधायकगण- श्री खजान दास, श्री बृजमोहन गैरोला, श्रीमती सविता कपूर, मुख्य सचिव- श्री आनंद बर्धन, मुख्य सूचना आयुक्त- श्रीमती राधा रतूड़ी, सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक- श्री सुभाष जोशी, श्री अनिल के. रतूड़ी- (से.नि. पुलिस महानिदेशक) आयुक्त, सेवा का अधिकार आयोग, श्री राम सिंह मीणा- (से.नि. महानिदेशक) सदस्य, राज्य मानवाधिकार आयोग सहित श्री पी वी के प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक / निदेशक अभियोजन, श्री अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक / विशेष प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण, डॉ0 वी0 मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, श्री ए पी अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन / अभिसूचना एवं सुरक्षा, समस्त पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं गणमान्य महानुभाव भी उपस्थित रहे और शहीद हुए पुलिस कर्मियों को याद कर उन्हें भावभीनी श्रृद्धांजलि अर्पित की।Breakingnews
मसूरी मार्ग पर दर्दनाक हादसा, खाई में बाइक गिरने पिता की मौत, बेटा घायल

मसूरी-देहरादून मार्ग पर गुरुवार को एक दर्दनाक सड़क हादसे में पिता की मौत हो गई, जबकि 14 वर्षीय बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया। दोनों मसूरी में पेंट-पुताई का काम करने जा रहे थे। तभी अचानक उनकी बाइक अनियंत्रित होकर करीब 300 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे के बाद आसपास के लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
मसूरी मार्ग पर दर्दनाक हादसा
मसूरी मार्ग पर दर्दनाक हादसा हो गया। यहां गलोगी के पास एक बाइक 300 मीटर गहरी खाई में गिर गई। जिसमें पिता की मौत हो गई, जबकि 14 वर्षीय बेटा घायल है। सूचना मिलते ही कोल्हुखेत चौकी पुलिस और राजपुर थाना की टीम आपदा उपकरणों के साथ मौके पर पहुंची।
यहां सड़क किनारे पुश्ते का निर्माण कार्य चल रहा है। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने देखा कि बजाज प्लेटिना बाइक यूके07-एबी- 7926 मसूरी की ओर जाते हुए गहरी खाई में गिर गई थी। बाइक पर दो सवार पिता और पुत्र देहरादून से मसूरी जा रहे थे। गिरने के दौरान पीछे बैठा बालक मोटरसाइकिल से छिटक कर पहाड़ी पर ही फंस गया था। पुलिस कर्मियों ने स्थानीय लोगों की मदद से बच्चे को बमुश्किल खाई से निकाला और एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल भिजवाया।
खाई में बाइक गिरने पिता की मौत, बेटा घायल
राहत-बचाव अभियान चलाकर टीमों ने नीचे गिरी मोटरसाइकिल तक पहुंच बनाई। जहां एक व्यक्ति मृत अवस्था में मिला। उसे काफी मशक्कत के बाद खाई से निकाला गया। मृतक की पहचान अशफाक अहमद (40 वर्ष) पुत्र फारूक अहमद, निवासी रायपुर अधोवाला, जैन प्लॉट, देहरादून के रूप में हुई है। घायल का नाम फैजान अहमद (14 वर्ष) है, जो मृतक का बेटा है। सूचना मिलते ही दोनों के परिजन घटनास्थल पर पहुंच गए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
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देहरादून में बड़ा सड़क हादसा, तेज रफ्तार ट्रैक्टर ट्राली ने युवक को कुचला

इस वक्त की बड़ी खबर राजधानी देहरादून से सामने आ रही है। देहरादून में एक बार फिर से देहरादून में तेज रफ्तार का कहर देखने को मिला है। यहां एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर ट्राली ने एक युवक को कुचल दिया। जिस से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
देहरादून में बड़ा सड़क हादसा
बृहस्पतिवार को सुबह देहरादून में बड़ा हादसा हो गया। अब तक मिली जानकारी के अनुसार हादसा प्रेमनगर के लक्ष्मीपुर में हुआ है। जहां खनन से भरी ट्रैक्टर ट्राली ने एक युवक को कुचल दिया। हादसे में युवक की मौके पर मौत हो गई। इस हादसे के बाद इलाके में सनसनी मच गई है।
तेज रफ्तार ट्रैक्टर ट्राली ने युवक को कुचला
इस दर्दनाक हादसे के दौरान वहां मौजूद आक्रोशित भीड़ ने मौके पर हंगामा किया। जानकारी पर पुलिस मौके पर पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि मृतक की शिनाख्त शुभम गैरोला के नाम से हुई है। जो कि जयपुर में एक होटल में नौकरी करते थे। इन दिनों वो छुट्टी पर अपने घर आए हुए थे। इस घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मच गया है।
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CM धामी को मिला संतों का आशीर्वाद, सोशल मीडिया पर छाया #SantoKaAshirwadDhamiKo

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का मुख्यमंत्री आवास आज आध्यात्मिकता से ओत-प्रोत दिखाई दिया। राज्य की रजत जयंती के मौके पर देशभर के संत, महामंडलेश्वर और धर्माचार्य एक साथ जुटे और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर पहुंचे बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, कवि व चिंतक डॉ. कुमार विश्वास, प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी, आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी जी महाराज, जूनापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वामी रविंद्रपुरी महाराज, महामंत्री श्री हरिगिरि महाराज, पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण और अन्य गणमान्यजनों ने मुख्यमंत्री को आशीर्वाद देते हुए राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्व होने की शुभकामनाएं दी।
CM धामी को मिला संतों का आशीर्वाद
मुख्यमंत्री धामी ने सभी संतों का स्वागत करते हुए कहा कि “देवभूमि की संस्कृति और आस्था को अक्षुण्ण रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।” संत समाज ने मुख्यमंत्री धामी के निर्णयों की खुलकर सराहना की। संतों ने कहा कि धामी सरकार ने धर्मांतरण, लव जिहाद, लैंड जिहाद और सांस्कृतिक असंतुलन के खिलाफ सख्त कदम उठाकर देवभूमि की सनातन आत्मा को सुरक्षित किया है। “मुख्यमंत्री धामी ने धर्म की रक्षा की है, संस्कृति को सम्मान दिया है।”
“उत्तराखंड अब केवल एक राज्य नहीं — बल्कि एक *स्पिरिचुअल डेस्टिनेशन* बन चुका है।”

मुख्यमंत्री धामी को दी देवभूमि के धर्मरक्षक की उपाधि
संत समाज ने कहा कि धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड ने विकास और धर्म को साथ लेकर चलने का अनोखा उदाहरण पेश किया है। जहाँ एक ओर राज्य तेज़ी से इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यटन के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर धार्मिक पर्यटन, गंगा स्वच्छता, और तीर्थ स्थलों के पुनरोद्धार से “देवभूमि” की पहचान और भी सशक्त हुई है। कार्यक्रम के अंत में संत समाज ने मुख्यमंत्री धामी को आशीर्वाद देते हुए कहा कि “आप देवभूमि के धर्मरक्षक हैं। उत्तराखंड आज जिस दिशा में बढ़ रहा है, वह पूरे देश के लिए प्रेरणा है।”
रजत जयंती उत्सव विकसित उत्तराखंड के मजबूत संकल्प का प्रतीक
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ये रजत जयंती उत्सव न केवल राज्य की विकास यात्रा का उत्सव है बल्कि यह विकसित उत्तराखंड के मजबूत संकल्प का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि राज्य में धार्मिक पुनर्जागरण का युग गतिमान है जहाँ अधर्मियों के लिए कोई जगह नहीं है। सीएम धामी ने कहा कि हमने सख़्त धर्मांतरण क़ानून, यूसीसी, ऑपरेशन कालनेमि जैसे सख़्त क़ानून कर कट्टरपंथियों को जेल भेजा है और लैंड जिहाद, लव जिहाद पर सख़्त कार्रवाई कर प्रदेश के मूल
स्वरूप की रक्षा की है। उत्तराखंड की रजत जयंती के इस विशेष अवसर पर देहरादून से उठी यह आध्यात्मिक गूंज बता रही है कि धर्म, संस्कृति और विकास का संगम जब होता है, तब देवभूमि और भी दिव्य हो उठती है।
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